सपना यानि उर्दू में *ख्वाब* अंग्रेजी में *ड्रीम* पर एक ग़ज़ल की शक्ल में कलम घिसाई
विषय- ★ख्वाब★, *सपना*, (dream)
*********************************
बहर ए रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन
वज़्न --2122 1122 22(112)
(फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन)
अर्कान-- फ़ाइलातुन--फ़इलातुन--फ़ैलुन(फ़इलुन)
क़ाफ़िया—आ स्वर
रदीफ़ ---करते हैं।
★★★★★★★★★★★★★★
..................................
*हुस्ने मतला* 17
.................................
ख्वाब मस्जिद में दुआ करते है।
ख्वाब दिल को भी छुआ करते है।1
★
ख्वाब नींदों में चला करते है।
ख्वाब अपनों से गिला करते है।2
★
ख्वाब पानी में मिला करते है।
ख्वाब ओठो पे सिला करते है। 3
★
ख्वाब जब दिल में सजा करते है।
ख्वाब फिर सबसे वफ़ा करते है।4
★
ख्वाब बिन पंख उड़ा करते है।
ख्वाब बिस्तर पे सड़ा करते है।5
★
ख्वाब रूठे तो सजा करते है।
ख्वाब टूटे तो दगा करते है। 6
★
ख्वाब लम्हो को जिया करते है।
ख्वाब जख्मो को सिया करते है। 7
★
ख्वाब दिल की भी दवा करते है।
ख्वाब गर्मी में हवा करते है।। 8
★
ख्वाब मुझको तो रवां करते है।
ख्वाब सबको जवां करते है। 9
★
ख्वाब में सब ही डरा करते है।
ख्वाब जख्मो को हरा करते है। 10
★
ख्वाब असली में खुदा करते है।
ख्वाब इंसा को जुदा करते है। 11
★
ख्वाब कैसे भी मरा करते है।
ख्वाब देखो न बुरा करते है। 12
★
ख्वाब गैरो से जुड़ा करते है।
ख्वाब आहट से मुड़ा करते है। 13
★
ख्वाब कलमें भी घिसा करते है।
ख्वाब अक्सर ही पिसा करते है। 14
★
ख्वाब रातों को जवां करते है।
ख्वाब नींदों को तबाह करते है। 15
★
ख्वाब फूलों को घना करते है।
ख्वाब किसको न फ़ना करते है। 16
★
ख्वाब तो सब ही बुना करते है।
ख्वाब पूरे भी हुआ करते है। 17
...........................................
★9*अश'आर*★
.......................................
★
ख्वाब की कोई जमीं नहि होती।
ख्वाब फिर भी उगा करते है। 18
★
ख्वाब तो ख्वाब है आते सबको।
ख्वाब पूरे हो दुआ करते है। 19
★
ख्वाब आना ओ चले जाना भी,
ख्वाब का क्या है मिटा करते है। 20
★
ख्वाब देखे यह सूनी अँखियाँ।
ख्वाब आँखों में पला करते है। 21
★
ख्वाब आते है मुझे तेरे ही।
ख्वाब तुझमे ही रमा करते है। 22
★
ख्वाब से बाहर निकलूं कैसे।
ख्वाब मुझको पकड़ा करते है।23
★
ख्वाब में देख लिया जब तुमको।
ख्वाब ज्यादा ही उठा करते है।24
★
ख्वाब मुझको तो जगाते है।
ख्वाब आँसू में ढला करते है। 25
★
ख्वाब आखिर क्या नही करते।
ख्वाब सब कुछ ही किया करते है। 26
...........................................
★5*मक़्ता*★
...........................................
ख्वाब 'मधु'रस को पिया करते है।
ख्वाब सब रस में जिया करते है। 27
★
ख्वाब 'मधु' अब मत देखो इतना।
ख्वाब जीवन भी लिया करते है। 28
★
ख्वाब की उम्र नही 'मधु' वैसे ।
ख्वाब मौसम में खिला करते है। 29
★
ख्वाब 'मधु'देखो गुमाँ करते है।
ख्वाब सूखे तो धुँआ करते है। 30
ख्वाब तुम्हे है कसम ख्वाबो की।
ख्वाब 'मधु'दिल में समाँ करते है। 31
नोट -- आप इसमें *ख्वाब की जगह प्रत्येक स्थान पर *स्वप्न* प्रयोग कर सकते है।
*कलम घिसाई*
विषय- ★ख्वाब★, *सपना*, (dream)
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बहर ए रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन
वज़्न --2122 1122 22(112)
(फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन)
अर्कान-- फ़ाइलातुन--फ़इलातुन--फ़ैलुन(फ़इलुन)
क़ाफ़िया—आ स्वर
रदीफ़ ---करते हैं।
★★★★★★★★★★★★★★
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*हुस्ने मतला* 17
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ख्वाब मस्जिद में दुआ करते है।
ख्वाब दिल को भी छुआ करते है।1
★
ख्वाब नींदों में चला करते है।
ख्वाब अपनों से गिला करते है।2
★
ख्वाब पानी में मिला करते है।
ख्वाब ओठो पे सिला करते है। 3
★
ख्वाब जब दिल में सजा करते है।
ख्वाब फिर सबसे वफ़ा करते है।4
★
ख्वाब बिन पंख उड़ा करते है।
ख्वाब बिस्तर पे सड़ा करते है।5
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ख्वाब रूठे तो सजा करते है।
ख्वाब टूटे तो दगा करते है। 6
★
ख्वाब लम्हो को जिया करते है।
ख्वाब जख्मो को सिया करते है। 7
★
ख्वाब दिल की भी दवा करते है।
ख्वाब गर्मी में हवा करते है।। 8
★
ख्वाब मुझको तो रवां करते है।
ख्वाब सबको जवां करते है। 9
★
ख्वाब में सब ही डरा करते है।
ख्वाब जख्मो को हरा करते है। 10
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ख्वाब असली में खुदा करते है।
ख्वाब इंसा को जुदा करते है। 11
★
ख्वाब कैसे भी मरा करते है।
ख्वाब देखो न बुरा करते है। 12
★
ख्वाब गैरो से जुड़ा करते है।
ख्वाब आहट से मुड़ा करते है। 13
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ख्वाब कलमें भी घिसा करते है।
ख्वाब अक्सर ही पिसा करते है। 14
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ख्वाब रातों को जवां करते है।
ख्वाब नींदों को तबाह करते है। 15
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ख्वाब फूलों को घना करते है।
ख्वाब किसको न फ़ना करते है। 16
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ख्वाब तो सब ही बुना करते है।
ख्वाब पूरे भी हुआ करते है। 17
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★9*अश'आर*★
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ख्वाब की कोई जमीं नहि होती।
ख्वाब फिर भी उगा करते है। 18
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ख्वाब तो ख्वाब है आते सबको।
ख्वाब पूरे हो दुआ करते है। 19
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ख्वाब आना ओ चले जाना भी,
ख्वाब का क्या है मिटा करते है। 20
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ख्वाब देखे यह सूनी अँखियाँ।
ख्वाब आँखों में पला करते है। 21
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ख्वाब आते है मुझे तेरे ही।
ख्वाब तुझमे ही रमा करते है। 22
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ख्वाब से बाहर निकलूं कैसे।
ख्वाब मुझको पकड़ा करते है।23
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ख्वाब में देख लिया जब तुमको।
ख्वाब ज्यादा ही उठा करते है।24
★
ख्वाब मुझको तो जगाते है।
ख्वाब आँसू में ढला करते है। 25
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ख्वाब आखिर क्या नही करते।
ख्वाब सब कुछ ही किया करते है। 26
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★5*मक़्ता*★
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ख्वाब 'मधु'रस को पिया करते है।
ख्वाब सब रस में जिया करते है। 27
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ख्वाब 'मधु' अब मत देखो इतना।
ख्वाब जीवन भी लिया करते है। 28
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ख्वाब की उम्र नही 'मधु' वैसे ।
ख्वाब मौसम में खिला करते है। 29
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ख्वाब 'मधु'देखो गुमाँ करते है।
ख्वाब सूखे तो धुँआ करते है। 30
ख्वाब तुम्हे है कसम ख्वाबो की।
ख्वाब 'मधु'दिल में समाँ करते है। 31
नोट -- आप इसमें *ख्वाब की जगह प्रत्येक स्थान पर *स्वप्न* प्रयोग कर सकते है।
*कलम घिसाई*
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