*घनाक्षरी*
इससे भला है यार ,वोट देना है बेकार ,
सरपंच की जगह , जब ओर चुनेगा।
सरपंच का पति हो ,या भाई सरपंच का,
या फिर भाग पिता का , चुनाव से जगेगा।
और तो क्या बात कहूँ , संसय में यूँ भी रहूँ ,
किसी किसी जगह तो , काम प्रेमी करेगा।
महिला विकास बात ,लगती बस जज़्बात,
भारत मे आरक्षण , कब तक फलेगा।
*कलम घिसाई*
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